Saturday, April 20, 2013

सोचती हूँ आज अपने को जान लूँ!




सोचती हूँ आज अपने को जान ही लूँ,
दिमाग का वो कोना जो कभी मेरी बात नहीं सुनता
और सुनता भी है तो बड़ी मुश्किल से;

दिल का वो हिस्सा जो सोच, समझ से परे
भावनाओं के माया जाल में उलझा रहता है;

शीशे में कभी मुझे पलट कर देखता वो चेहरा
जिससे शायद मैं कभी मिली ही न हूँ;

ज़िन्दगी के अनजान मोड़ पर टकराया वो अजनबी
जो कहाँ से आया मुझे खबर ही नहीं;

एक छोटी सी आवाज़ कहीं दूर से आती हुई
अपने कन्धों पर समझदारी का बोझ लिए हुए;

विचारों की वो फ़ौज जो अक्ल का बांध तोड़
मुझ पर हावी होना चाह्ती है;

कभी मचलता, ललचाता मन
जो संतुष्टी का संतुलन खो,
अपने पैर डगमगाने लगता है;

और रौशनी से छिपती
वक़्त के अँधेरे में लम्बी होती वो परछाई,
जो मुझे अपने आप से कभी बड़ी लगती है;

सोंचती हूँ जान लूँ आज इन सब को
जो मिले फिर दोबारा
तो मिले अबकी दोस्त बनकर!


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Note - Originally penned on 17th April 2013
Note 2 - Picture courtesy - Google Images 

Friday, April 19, 2013

Purane sambandh, naye rishtey - L. Aruna Dhir (A Podcast)


Wednesday, April 17, 2013

पुराने सम्बन्ध; नए रिश्ते!

                                                          Picture courtesy - Google Images

आज कुछ पुराने सम्बन्ध
तोडना चाह रहा हूँ,

वो घड़ी जो बीते समय पर टिकी है
वो तसवीरें जो ग़म में डूबे पलों की याद दिलाती हैं
वो पल जो आँसुओं में नहाये थे

वो ख्याल जो दीमाग में परेशानी का मकड़ी जाल बनाये हुए थे

वो दिन जो इतने खालीपन में रमें थे की
अपना वजूद भी कायम ना कर पाये थे

वो आदते जो रास्ते का रोड़ा बन
सफर को मुश्किल और बेमजा बना रहीं हैं;

सोचता हूँ आज नए रिश्ते जोड़ लूँ,

एक समझ की ओढ़नी 
जो फजूल बातों को बाहर ही रक्खे,

साहस का टिकाऊ मफलर
जो हर हवा का सामना करा दे,

उमंग के ऊन से बुना कोट
जो निखारे मेरी शकसियत को,

मोबाइल पे लगा रिमाइंडर
जो इस बात का एहसास दिलाये
की मेरे टाइम की पूँजी घटती जा रही हँ,

हौंसले और विश्वास का नया जोड़ा
जो मेरे मन को सवारे, मेरी सोच को सुन्दर रखे,

और जोश, जिन्दादिली के जेवर
जो मेरी ज़िन्दगी को अमूल्य बना दें। 

                                         Picture courtesy - Hidlight, Ziyafot, deviantart.com